अग्निपरीक्षा में खरी उतरी EVM, सही पाए गए वीवीपैट से 100 फीसदी मिलान

लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम की विश्वसनीयता पर विपक्षी दलों की ओर से जमकर सवाल उठाए जा रहे थे और इस कारण उनकी ओर से ईवीएम और वीवीपैट की ज्यादा से ज्यादा पर्चियों की मिलान की मांग भी की जा रही थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद चुनाव आयोग के आंकड़े कहते हैं कि ईवीएम और वीवीपैट का मिलान पूरी तरह से सही निकला और विपक्ष की शंका गलत साबित हुई.
सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 20625 वीवीपैट में से एक भी मशीन के मिसमैच होने की खबर नहीं मिली. इस साल चुनाव में 90 करोड़ मतदाताओं को नई सरकार के लिए अपना मत देना था, जिसके लिए आयोग ने कुल 22.3 लाख बैलेट यूनिट, 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट और 17.3 लाख वीवीपैट इस्तेमाल की थी.
इस बार 17.3 लाख वीवीपैट में से 20,625 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया गया. जबकि पिछली बार महज 4125 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने हर लोकसभा सीट के कम से कम 5 पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान की व्यवस्था की. ईवीएम में पड़े वोटों की सही जानकारी और रिकॉर्ड के लिए वीवीपैट की व्यवस्था 2013-14 में शुरू की गई थी.
ईवीएम में छेड़छाड़ की संभावना को देखते हुए चेन्नई की एक एनजीओ (Tech4all) ने ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी मिलान की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को 21 विपक्षी दलों को तगड़ा झटका देते हुए ईवीएम और वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग को खारिज कर दिया था. विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे अदालत की ओर से खारिज कर दिया गया.
चुनाव आयोग की बैठक आज
दूसरी ओर, लोकसभा चुनावों में विजयी हुए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए चुनाव आयोग आज शनिवार को बैठक कर सकता है. सूत्रों के अनुसार, विजयी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद चुनाव आयोग इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपेगा.
देश की 542 लोकसभा सीटों पर चुनाव कराए गए जबकि एक सीट (वेल्लोर) पर धन बल के अत्यधिक इस्तेमाल को देखते हुए चुनाव रद्द कर दिए गए. वेल्लोर सीट पर चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है.

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