प्रियंका की लांचिंग से 'न्याय' का दावा करने तक हुई देर, हार के लिए राहुल जिम्मेदार नहीं: कमलनाथ

17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव भाजपा ने इस बार 2014 से भी बड़ी और ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा 303 सीटें जीती है, जबकि एनडीए गठगबंधन को 352 सीटें हासिल हुई हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महज 52 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई और सहयोगी दलों को मिलाकर यूपीए को 92 सीटें मिली। कांग्रेस अपनी इस हार की समीक्षा में लगी है।
दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी हार के कारण गिनाए हैं। उनके अनुसार, कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े दो दांव चलने में देर कर दी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहते हुए उसका सूपड़ा साफ हो गया और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकी। वहीं उन्होंने यह भी माना कि प्रियंका गांधी को लांच करने में भी देरी हुई। उनके अनुसार, प्रियंका गांधी को कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान में काफी पहले ही जुड़ जाना चाहिए था। 
राहुल के नेतृत्व पर सवाल नहीं
कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार के पीछे भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान को अपनी पार्टी के मुकाबले मजबूत माना। उन्होंने स्वीकार किया कि नरेंद्र मोदी का संदेश लोगों तक ज्यादा तेजी और अच्छे से पहुंचा, जबकि कांग्रेस अपना संदेश पहुंचाने में अपेक्षाकृत कम कामयाब रही। वहीं, कांग्रेस की करारी हार के पीछे कमलनाथ ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया। कहा कि उनके वह हमारे नेता हैं और आगे भी वही रहेंगे। उनके नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
'न्याय' का दावा करने में हुई देरी 
कांग्रेस के एक और बड़े दांव 'न्याय' योजना का दावा करने में भी हुई देर को कमलनाथ हार की वजह बताते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इसे पहले ही शुरू कर सकते थे, लेकिन काफी देर हो गई। भाजपा के तंज के बीच लोगों ने इसे बस एक कैंपेन की तरह समझा, जबकि यह उससे कहीं बढ़कर था। मालूम हो कि न्याय योजना के तहत कांग्रेस ने पांच करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार देने की बात कही थी.

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