...तो राजस्‍थान के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत के ये रहें प्रमुख कारण

राजस्‍थान के लोकसभा चुनाव परिणाम सीएम अशोक गहलोत के लिए बड़ा झटका है। सभी 25 सीटों पर तो कांग्रेस की हार हुई ही बेटे वैभव गहलोत की पराजय गहलोत के लिए बड़ा सियासी झटका है। यह तय है कि राजनीतिक रूप से वे कमजोर हो गए। लेकिन उनके पास एक तर्क है कि पूरे देश में ही कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। यहां तक अमेठी में खुद राहुल गांधी चुनाव हार गए।
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा सियासी संघर्ष अब और अधिक बढ़ सकता है। मतदाताओं का जनादेश वाकई हैरानी भरा है। करीब पांच माह पूर्व विधानसभा चुनाव में लोगों ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाया था। लेकिन पांच माह में ही स्थिति बदल गई । 25 लोकसभा सीटों में अपने चमकदार प्रदर्शन के बाद भाजपा का हौसला बढ़ा है,जबकि कांग्रेस पार्टी सकते की सी हालत में है।
विधानसभा चुनाव के दौरान एक नारा काफी चर्चित हुआ था-"मोदी से बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं "। इस नारे में ही भाजपा के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन का सार छिपा हुआ है। उस समय मतदाताओं की नाराजगी केंद्र की मोदी सरकार से नहीं, बल्कि राज्‍य की वसुंधरा राजे सरकार को लेकर थी ।
मतदाताओं का मानना था कि वसुंधरा राजे कुछ खास लोगों तक ही सीमित किए है और इस कारण आम लोगों की बात उन तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में उन्‍होंने वसुंधरा को तो बाहर का रास्‍ता दिखा दिया, लेकिन जब लोकसभा चुनाव की बारी आई तो नरेंद्र मोदी को खुलकर समर्थन दिया।

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