लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान में टूट गई परंपरा..कौनसी

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मतगणना के बाद राजस्थान में भाजपा की 25 की 25 सीटों पर प्रचंड जीत के बाद यह परंपरा टूट गई है कि सत्तारूढ़ दल को लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें मिलती है। प्रदेश की जनता ने यह बता दिया कि यह लोकसभा https://www.molitics.in/election/result का चुनाव था, देश का चुनाव था, देश के मुद्दों को लेकर चुनाव था, राष्ट्र के हितों को लेकर चुनाव था। देश के मान सम्मान और सेना के शौर्य के सम्मान की रक्षा को लेकर चुनाव था। इस चुनाव में ना तो किसान कर्जमाफी का मुद्दा गहलोत सरकार भुना सकी और ना ही बेरोजगारी भत्ता, सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं को लेकर की गई घोषणाओँ का गहलोत सरकार फायदा उठा सकी। सिर्फ देशहित, राष्ट्रहित, सेना के सम्मान का मुद्दा यहां छाया रहा। 
गहलोत सरकार ने बहुत कोशिश की, बेरोजगारी का मुद्दा उठाने की, लेकिन भाजपा ने भी मुद्रा लोन, और देश के विकास कार्यों का हवाला देकर बेरोजगारी के सवाल का जवाब दिया। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा निशाना साधा और पुत्रमोह में जोधपुर में गली-गली में घूमने का आरोप लगाया। तो वहीं गहलोत ने भी पीएम मोदी पर पलटवार करके जवाब देने की कोशिश की। लेकिन राजस्थान की जनता ने यह भी बता दिया कि मोदी तेरे से बैर नहीं और वसुंधरा तेरी खैर नहीं। यह नारा भी प्रदेश की जनता ने बता दिया। 
आपको बता दे कि वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में राजस्थान में 200 में से भाजपा ने 163 सीटें जीती थी। प्रचंड बहुमत के साथ वसुंधरा सरकार का गठन हुआ था। इसके बाद वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर चली और 25 की 25 सीटें भाजपा ने राजस्थान में जीती थी।
लेकिन दिसंबर 2018 में भाजपा यहां 200 में से 73 सीटों पर ही सिमट गई थी, जबकि कांग्रेस ने 100 सीटें जीतकर यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनाई है। इसके चलते प्रदेश के लोगों समेत राजनीतिक पंडितों की नजर इस बात पर थी कि क्या मौजूदा सरकार के पक्ष में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को वोट दिया है या नहीं। लेकिन अब पूरी तस्वीर साफ हो गई है। प्रदेश की 25 की 25 सीटें भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है। गहलोत का जादू नहीं चला और एक बार फिर मोदी मैजिक चला और राष्ट्रवाद के नाम पर प्रदेश की जनता को एक बार फिर मोदी सरकार के लिए वोट दिया।

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