क्या इस बार भी दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाएगा !

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने में अब कुछ ही घंटे शेष बचे हैं और ऐसे में अटकलों का दौर तेज हो गया है। लेकिन क्या हर बार की तरह इस बार भी दिल्‍ली का रास्‍ता उत्‍तर प्रदेश से होकर जाएगा। इसका फैसला यूपी की 80 लोकसभा सीटें गुरुवार को करेंगी। जबकि एग्जिट पोल की मानें तो सूबे में भाजपा की लहर बरकरार रह सकती है। लेकिन विपक्ष की आस एग्जिट पोल के अनुमानों के गलत होने को लेकर टिकी है। यूपी का केंद्र की राजनीति की दिशा तय करने और हमेशा नए सियासी समीकरण से 'किंगमेकर' बनने का इतिहास रहा है।

19 मई को अंतिम चरण के बाद आए एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार एसपी-बीएसपी-आरएलडी के महागठबंधन के एक साथ चुनाव लड़ने के बाद भी यूपी में बीजेपी शानदार प्रदर्शन कर रही है। कई एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन बीजेपी को रोकने में नाकाम दिख रहा है। एक्सिस माय इंडिया के मुताबिक यूपी की 80 सीटों में एनडीए को 62-68 सीटें मिल सकती हैं। वहीं एसपी-बीएसपी गठबंधन को 10-16 और कांग्रेस को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह टुडे चाणक्य एग्जिट पोल के में यूपी में एनडीए को 65 (+-8) सीटें यानी 57 से लेकर 73 तक सीटें मिल सकती हैं। 6 एग्जिट पोल्स के नतीजों का औसत निकालें तो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 52 सीटें मिलने का अनुमान है।
वहीं, महागठबंधन को 26 और कांग्रेस को महज 2 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। अगर यह अनुमान परिणाम में बदलते हैं तो एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा। हालांकि दो एग्जिट पोल एबीपी-नील्सन और सी-वोटर के सर्वे में महागठबंधन को क्रमश: 45 और 40 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। इन दो एग्जिट पोल की मानें तो एसपी-बीएसपी के बीच काफी हद तक यूपी में वोट ट्रांसफर हुआ है।

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