चर्चा एग्जिट पोल की और नजर चुनाव परिणाम की ओर

कश्मीर घाटी में बेशक संसदीय चुनावों में 100 में 10 लोग ही वोट डालने पहुंचे हों, लेकिन अब 100 में 90 पूछ रहे हैं कि अगला पीएम कौन होगा। कश्मीर से दिल्ली में उनकी नुमाइंदगी कौन करेगा। अगली सरकार कैसी होगी, राज्य के हालात पर उसका रुख कैसा होगा, यह सवाल हर आम और खास की जुबान पर है। आम लोगों से लेकर राजनीतिक दलों से जुड़े लोग बेसब्री से 23 मई का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव बहिष्कार का एलान करने वाला अलगाववादी खेमा भी चुनाव परिणामों की ओर देख रहा है।
राज्य के छह संसदीय क्षेत्रों में से तीन कश्मीर घाटी के हैं। इन तीनों सीटों पर दस प्रतिशत के आसपास ही मतदान हुआ है। इस सबके बावजूद घाटी के लोगों की उत्सुकता चुनाव परिणामों को लेकर है। एग्जिट पोल ने जिज्ञासा को और भी बढ़ाया है। श्रीनगर के रेस्तरां हों या बारामुला में ङोलम किनारे स्थित इको पार्क या फिर आतंकियों का गढ़ कहलाने वाले दक्षिण कश्मीर का त्राल, जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में एलओसी तक सटे कुपवाड़ा तक हर जगह लोग एग्जिट पोल पर बहस करते नजर आ रहे हैं। कश्मीर के वह बुद्धिजीवी जो मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे और अलगाववादियों की तर्ज पर चुनाव बहिष्कार को सही ठहराते हुए कहते थे कि दिल्ली में सरकार से हमें कोई सरोकार नहीं है, वह भी चुनाव परिणामों से खुद का सरोकार जुड़ा बता रहे हैं।

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