सरकार से लड़ा मेरा बेटा, अलग पहचान बनाई, हार-जीत से कोई फर्क नहीं: अनिल शर्मा

हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा ने क्या चुनाव परिणाम से पहले ही अपने बेटे की हार मान ली है? उनके बयान से तो यही झलक रहा है. 

हिमाचल सरकार में पूर्व मंत्री और मंडी के सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा को इस बात की खुशी है कि उनका बेटा आज अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है. अनिल शर्मा का कहना है कि हार-जीत से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन खुशी इस बात की है कि सरकार के साथ आश्रय शर्मा ने डटकर मुकाबला किया है. 

अनिल शर्मा के अनुसार, जनता से उन्हें जो फीडबैक मिला है उसके अनुसार आश्रय शर्मा ने जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आश्रय के विचारों से जनता काफी प्रभावित हुई है. 

उन्होंने कहा कि आश्रय शर्मा ने लोकसभा जैसा बड़ा चुनाव लड़कर अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत की है. उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि जयराम ठाकुर भी अपने जीवन का पहला चुनाव हार गए थे, इसलिए पहले चुनाव को हार जीत के साथ नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि आज जयराम ठाकुर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.

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