चुनाव आयोग ने नहीं मानी अशोक लवासा की बात, आदेश में नहीं बताएंगे कैसे हुआ फैसला

चुनाव आयोग ने मंगलवार को अचार संहिता उल्लंघन के मामलों को सार्वजानिक करने निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा की मांग को खारिज कर दिया है. लवासा ने आदर्श आचार संहिता (MCC) पर अल्पमत का निर्णय रिकॉर्ड करने और इसे सार्वजनिक करने की मांग की थी. तीन सदस्यीय आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा और आयुक्त लवासा और सुशील चंद्र शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, “आदर्श आचार संहिता के मुद्दे के बारे में आज आयोजित चुनाव आयोग की बैठक में, यह आपसी सहमती से तय किया गया कि आयोग की बैठकों की कार्यवाही तैयार की जाएगी, जिसमें सभी आयोग सदस्यों के विचार भी शामिल होंगे. इसके बाद, इस आशय के औपचारिक निर्देश मौजूदा कानूनों / नियमों, आदि के अनुरूप जारी किए जाएंगे.”
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आयोग के आखिरी निर्णयों में अल्पमत को शामिल नहीं किए जाने के विरोध में अचार संहिता उल्लंघन (MCC) मामलों की बैठकों से खुद को दूर रखा है. लवासा ने 4 मई को ये सुझाव दिया था कि, उनके मत को अचार संहिता उल्लंघन के मामलों में चुनाव आयोग के निर्णय में शामिल किया जाए. इसके बाद उन्होंने 10 और 14 मई को इस मांग को दोबारा याद भी दिलाया. लेकिन, जब उनकी मांग नहीं सुनी गई तब लवासा ने अरोड़ा को चुनाव आयोग की बैठक में नहीं शामिल होने के अपने निर्णय से 16 मई को अवगत कराया.

More videos

See All