नॉर्थ-ईस्ट लोकसभा सीट का नतीजा तय करेगा दिल्ली की राजनीति का भविष्य

बीजेपी वैसे तो दिल्ली की सातों सीटों पर जीत का दावा कर रही है, लेकिन गुरुवार को जब लोकसभा चुनावों के नतीजे और काउंटिंग के रुझान आने शुरू होंगे, तो तमाम बीजेपी नेताओं की नजर नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली सीट पर ही लगी रहेगी। दिल्ली की सातों सीटों में से सबसे कड़ा मुकाबला इसी सीट पर माना जा रहा है। असल में इसी सीट का नतीजा दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी का भविष्य तय करने वाला है। यहां दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित की लीडरशिप भी दांव पर लगी हुई है। इन दोनों की जीत हार पार्टी में इनकी आगे की भूमिका भी तय करेगी। 
इस सीट पर वोटिंग भी पूरी दिल्ली में सबसे ज्यादा 63.45 पर्सेंट हुई है। बीजेपी के लिए चिंता का विषय यह है कि इस लोकसभा एरिया के मुस्लिम बहुल इलाकों बाबरपुर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, सीमापुरी और करावल नगर के कुछ हिस्से में बंपर वोटिंग हुई है। हालांकि मुस्लिम वोटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों ही दावा कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी में एडवांटेज शीला के लिए ज्यादा माना जा रहा है। वहीं बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले इलाकों में अपेक्षाकृत कम वोटिंग हुई है। कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच चर्चा इस बात पर ज्यादा हो रही है कि शीला या तिवारी में से जो भी हारेगा, उसके राजनीतिक भविष्य क्या होने वाला है? 

More videos

See All