उत्तराखंड की एकमात्र आरक्षित सीट पर केंद्र में राज्य के एकमात्र मंत्री की किस्मत दांव पर

उत्तराखंड की सभी पांच लोकसभा सीटों में से अल्मोड़ा सबसे वीआईपी सीट है क्योंकि यहां से मोदी सरकार में मंत्री अजय टम्टा तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2009 में मिली हार के बाद 2014 में वह जीते थे. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा उन्हें टक्कर दे रहे हैं जो 2009 में अजय टम्टा को हरा चुके हैं.
वैसे तो इस सीट पर शुरुआत से कांग्रेस का दबदबा रहा. 9 बार अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस तो 6 बार यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की है. 1957 से शुरु हुआ कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1977 में पहली बार थमा. इमरजेन्सी के बाद 1977 में हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के हाथों से ये सीट फिसल गयी. सीट बनने के बीस साल बाद 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर मुरली मनोहर जोशी यहां से सांसद चुने गए.
एक टर्म के बाद जल्द ही कांग्रेस ने इसे फिर हथिया लिया. हरीश रावत यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे. भाजपा ने पहली बार यह सीट 1991 में जीती. उसके बाद लगातार पांच चुनावों में यहां से भाजपा जीतती रही लेकिन, 2009 में प्रदीप टम्टा ने उसका विजय रथ रोक दिया. अजय टम्टा 2009 में प्रदीप टम्टा से हार गए लेकिन, 2014 में उन्हें हराकर सांसद और मंत्री बन गए. भाजपा के बची सिंह रावत यहां से सबसे ज्यादा बार यानी चार बार सांसद रह चुके हैं.

 

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