पहली बार चुनाव में किस्मत आजमा रहे बालकनाथ 6 साल की आयु में चांदनाथ के शिष्य बन गए थे

अलवर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह को चुनौती देने वाले बाबा बालकनाथ महज छह वर्ष की आयु में हरियाणा के रोहतक में स्थित बाबा मस्तनाथ मठ अस्थल बोहर के महंत चांदनाथ के शिष्य बन गए थे. बाद में चांदनाथ के उत्तराधिकारी बने बाबा बालकनाथ अब उनकी राजनीतिक विरासत को वापस पाने के लिए अलवर में कांग्रेस को कड़ी चुनौती दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 6 मई को यहां हुए मतदान में गत वर्ष के मुकाबले 1.35 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है.

मूलतया अलवर जिले के बहरोड़ क्षेत्र के मोहराणा गांव निवासी बाबा बालकनाथ पिछले पंद्रह साल से हनुमानगढ़ जिले में स्थित आश्रम में रह रहे थे. बाबा बालकनाथ महंत चांदनाथ के नजदीकी रहे हैं. महंत चांदनाथ भी शुरुआती दिनों में इसी आश्रम में रहते थे. महंत चांदनाथ अलवर के बहरोड़ से 2004 में उपचुनाव में विधायक चुने गए थे. मेवात के अलवर क्षेत्र में नाथ संप्रदाय के प्रभाव को देखते हुए बीजेपी ने इसके बाद 2014 में लोकसभा चुनाव में चांदनाथ को मैदान में उतारा था. चांदनाथ कांग्रेस प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह को हराकर सांसद बने. बाद में बीमारी के चलते करीब डेढ़ वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया था.

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