दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हार-जीत का परिणाम 23 मई को आ रहा है. इसी दिन वोटों की गिनती के साथ ही फैसला हो जाएगा कि कौन-सी पार्टी सरकार बना रही है. ईवीएम से हो रहे इन चुनावों में मतगणना किस तरह होगी, यह हम आपको यहां बता रहे हैं.
ईवीएम के साथ वीवीपैट जोड़ा गया है और पर्चियों का मिलान भी होना है. इस चुनाव में यह व्यवस्था पहली बार लागू हो रहा है. प्रक्रिया के अनुसार सबसे पहले EVM के CU (कंट्रोल यूनिट) के रिजल्ट बटन से वोट की गणना होगी. उसके बाद पांचों VVPAT के परिणाम से कंट्रोल यूनिट से मिले आंकड़ों को मिलाया जाएगा.
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EVM की सुरक्षा पर उठे सवाल, ट्विटर पर जोर-शोर से उठा मुद्दापिजन होल बॉक्स की पर्चियों की संख्या से भी वोटों की संख्या का मिलान होगा. ये वही पर्चियां हैं जो आपको वोट डालते समय EVM के दाईं तरफ से निकलती दिखाई दी थीं. इन पर्चियों की गणना भी वोटों की गिनती के साथ हुई थीं.
पिछली बार ईवीएम को लेकर विवाद हुआ था. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट के निर्णय के बाद पहली बार पांच VVPAT का वोटों की गिनती में इस्तेमाल हो रहा है. इससे वोटों की गिनती में किसी भी प्रकार के हेरफेर की गुंजाइश पूरी तरह खत्म हो जाती है.
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Ashok Lavasa opts out of EC poll code meetings over dissent tiff: Reportsआप यह भी जान लें कि किस तरह वोटिंग मशीन EVM में कैद आपका हर वोट पूरी तरह सुरक्षति है. मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए EVM मतगणना के दिन ही निकाले जाएंगे, फिर मतगणना केंद्रों पर शुरू होगी वोटों की गिनती.
सुबह आठ बजे से लोकसभा की कुल 543 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू होगी, जिसके आधे घंटे बाद ही रुझान आने शुरू हो जाएंगे. यहां रिटर्निंग आफिसर के अलावा चुनाव में खड़े प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट, काउंटिंग एजेंट भी रहेंगे, ऑफिशियल कैमरे से इसकी वीडियोग्राफी होगी.
सबसे पहले मतगणना केंद्र पर पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे. पोस्टल बैलेट सर्विस वोटर, इलेक्शन के इंप्लाई होते हैं. इसके आधे घंटे में ईवीएम खुलना शुरू होते हैं. पोस्टल बैलेट भी अब ईवीएम के साथ काउंटिंग टेबल पर पहुंच जाते हैं. ध्यान रहे कि एक बार में अधिकतम 14 ईवीएम की गिनती की जाती है.
मतगणना केंद्र पर तैनात पर्यवेक्षक की मुख्य ड्यूटी भी अब यहीं से शुरू होती है. वह पहले ईवीएम की सुरक्षा जांच करते हैं, वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि कहीं मशीन से कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई. बटन दबाकर वोट की गणना करने का काम चुनाव अधिकारी का होता है.
उसके बाद ईवीएम का कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट बटन दबाने पर ही कुल वोटों का पता चल जाता है. साथ ही यह भी पता चलता है कि किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले. वोटों की गिनती का मिलान पांचों VVPAT से करके रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा जाता है.