अफसरों के खेल से हताश मंत्री हरक ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखी अपनी व्यथा

गढ़वाल-कुमाऊं को राज्य के भीतर ही सीधे आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड के लालढांग-चिलरखाल हिस्से का निर्माण कार्य रोके जाने से व्यथित वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री के समक्ष फोन पर अपनी व्यथा रखी। उन्होंने कहा कि यह सड़क मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है। जिस तरह से नौकरशाही इसे लेकर खेल खेल रही है, वह ठीक नहीं है। 
उन्होंने सवाल किया कि अपर मुख्य सचिव एक डीएफओ के कहने पर सड़क का काम कैसे रुकवा सकते हैं। रावत ने बताया कि 23 मई के बाद वह सभी साक्ष्यों के साथ इस मसले पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। उधर, इस प्रकरण के सुर्खियां बनने के बाद प्रमुख सचिव वन ने लालढांग-चिलरखाल मार्ग के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। 
वन मंत्री डॉ.रावत की पहल पर पूर्व में 11 किमी लंबे लालढांग-चिलरखाल मार्ग के लिए वन भूमि लोनिवि को हस्तांतरित की गई थी। इसके बाद लोनिवि ने इस पर तीन पुलों के साथ ही सड़क की पेंटिंग का कार्य शुरू करा दिया। वर्तमान में वहां पुलों का निर्माण कार्य चल रहा था। इस बीच मामला एनजीटी में पहुंचने पर एनजीटी ने इसकी वस्तुस्थिति को लेकर वन विभाग से रिपोर्ट मांगी।

More videos

See All