संजय के सारथी बने मनोहर लाल, कुलदीप के लिए रथ पर चढ़ जोर लगा रहे हैं हुड्‌डा

पाकिस्तान को पहला प्रधानमंत्री लियाकत अली देने वाले कर्ण नगरी करनाल में सियासत की जंग चरम पर है। भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। संजय भाटिया की जीत के लिए खुद सीएम मनोहर लाल सारथी बने हुए हैं, वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप शर्मा के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा रथ पर सवार होकर जोर लगा रहे हैं।
बहरहाल 9 विधानसभा सीटों वाले करनाल लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के 8 विधायक हैं, जबकि एक विधायक आजाद हैं। भाजपा के सभी आठ विधायकों की कड़ी परीक्षा है, क्योंकि तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है। करनाल को ब्राह्मण बाहुल्य सीट माना जाता है, क्योंकि यहां से ब्राह्मण समुदाय के सबसे अधिक सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने यहां अबकी बार जहां पंजाबी कार्ड खेला है, वहीं कांग्रेस ने ब्राह्मण समुदाय को टिकट दी है। खास बात यह है कि इस सीट को भाजपा ने सीएम मनोहर लाल तो कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के भरोसे छोड़ी है।
केवल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यहां प्रचार किया। इनके अलावा दोनों ही पार्टियों का कोई बड़ा नेता नहीं आया। कुलदीप शर्मा के पिता पं. चिरंजी लाल करनाल से चार बार सांसद रह चुके हैं। भाजपा की दिग्गज सुषमा स्वराज दो बार यहां से चुनाव लड़ी, लेकिन चिरंजी लाल को हरा नहीं पाईं। वहीं संजय भाटिया लोकसभा चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं। वे पानीपत जिले में काफी सक्रिय रहे हैं, लेकिन बतौर लोकसभा प्रत्याशी यह उनकी पहली पारी है। आप ने कृष्ण कुमार अग्रवाल तो इनेलो ने धर्मवीर पाढ़ा को उतारा है। 

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