इस सीट पर गुरु-चेले की भिड़ंत, गुरु के सिखाए पैैतरे आजमा रहा चेेेेला
फिरोजपुर संसदीय सीट पर गुरु-चेला चुनावी मैदान में एक-दूसरे के विरूद्ध ताल ठोक रहे हैंं। गुरु ने जिसे अपना राजनीतिक शार्गिद मानकर राजनीति के गुर सिखाए, वहीं गुर अब वह गुरु आजमा रहे हैं। राजनीतिक लाभ लेने के लिए गुरु की विरोधी पार्टी ने उन्हीं के चेले को टक्कर देने के लिए चुनाव मैदान में उतारा है। गुरु-चेले के चुनाव मैदान में होने से फिरोजपुर लोकसभा हलके का चुनावी माहौल रोचक हो गया है।
शेर सिंह घुबाया 1980 से लेकर 1990 तक क्षेत्र के किसी ईंट-भट्ठे पर मुंशी का काम करते थे। 1990 में उनका ध्यान राजनीति की ओर हुआ। 1993 में घुबाया गांव के सरपंच बने। उस समय जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र में BSP और CPI का बोलबाला था, जिनसे घुबाया का संपर्क था। शुरुआती दिनों में घुबाया राजनीतिक पैतरों से अनभिज्ञ थे। इसी दौरान शिअद को जलालाबाद में पैठ बनाने के लिए एक ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो राय-सिख बिरादरी से संबंध रखता हो।