राजस्थान में कांग्रेस सरकार, लेकिन आचार संहिता के उल्लंघन की ज्यादा शिकायतें भाजपा के खिलाफ

राजस्थान में भले सरकार कांग्रेस की है,  लेकिन आचार संहिता के उल्लंघन की ज्यादातर शिकायतें भाजपा के खिलाफ हैं। निर्वाचन आयोग में अब तक दर्ज 11 शिकायतों में से 5 शिकायतें लोकसेवकों और 5 शिकायतें भाजपा नेताओं के खिलाफ हैं। देश के अन्य राज्यों में जहां आचार संहिता उल्लंघन की ज्यादा शिकायतें प्रतिपक्ष की ओर से सत्तापक्ष के लिए दर्ज कराई गई हैं वहीं राजस्थान में प्रतिपक्ष के खिलाफ ज्यादा शिकायतें हैं।  यूपी में सबसे ज्यादा 1333 शिकायतें आई हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 16, महाराष्ट्र में 6, पंजाब में 10, तमिलनाडु में 6, बिहार में 11, आंध्रप्रदेश और गुजरात में 18 शिकायतें मिली हैं। दिल्ली और कर्नाटक में एक भी शिकायत नहीं मिली है। देशभर में अब तक 475 शिकायतें मिली हैं। जयपुर से आनंद चौधरी की रिपोर्ट...
नेताओं के विवादित बयान
 
गजेंद्र सिंह शेखावत
{शिकायत : प्रशासन को मंच पर खड़े होकर चेतावनी दे रहा हूं कि यह चुनाव आखिरी चुनाव नहीं है। पांच साल में राज बदल जाएगा, एक-एक की जन्मपत्री मेरी आंखों में रखी हुई है, उल्टा नहीं लटका दूंगा तो मेरा नाम गजेंद्र सिंह नहीं है। 
{कार्रवाई : जिला निर्वाचन अधिकारी ने आचार संहिता का उल्लंघन माना, नोटिस दिया, किसी भी अधिकारी ने केस दर्ज नहीं कराया, इसलिए मामले का निस्तारण कर दिया। 
गुलाबचंद कटारिया
{शिकायत : जब पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो 23% हिंदु थे आज 2% हैं। भारत में उस समय 9% मुस्लिम थे आज 19% हैं। थोड़े दिन और रुक जाओ, तुम्हारे यहां 2 बच्चे होंगे तो उनके यहां 12 बच्चे होंगे। हम कांग्रेस की मेंटेलिटी से इसलिए नाराज हैं। 
{कार्रवाई : जिला निर्वाचन अधिकारी आनंदी ने माना कि कटारिया का झाड़ोल में दिया गया भाषण सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच समरसता में बाधा डालने और मतभेदों को बढ़ाने वाला है जो आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाने के मामले में कटारिया को नोटिस दिया गया। कटारिया ने कहा मेरे द्वारा किसी जाति और धर्म विशेष के खिलाफ कोई गलत टिप्पणी नहीं की गई है। कटारिया के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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