बेगूसराय में कन्हैया पर ठनी, महागठबंधन को क्यों सता रहा हार का डर?

कन्हैया कुमार को लेकर महागठबंधन में ठन गई है. बेगूसराय में चुनाव समाप्ति के बाद ही महागठबंधन के दो बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस आपस में भीड़ गए हैं. कांग्रेस कह रही है कि कन्हैया को मौका न देकर महागठबंधन से चूक हुई है. वहीं, पलटवार में राजद कह रही है कि चुनाव लड़कर खुद कन्हैया ने गलती की है. अगर गिरिराज जीते तो, सेहरा कन्हैया के सर बंधेगा.
बेगूसराय की चुनावी जंग (मतदान) भले ही समाप्त हो गई है. लेकिन कन्हैया को लेकर एक और जंग शुरू हो गई है. महागठबंधन में कन्हैया को लेकर जंग छिड़ गई है. महागठबंधन के सबसे बड़े दल कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह का कहना है कि कन्हैया को लेकर महागठबंधन से चूक हो गई. गठबंधन से कन्हैया को मौका मिलना चाहिए था.
‘कन्हैया बाद में चुनाव लड़ लेते’
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी अब कह रहे हैं कि ‘चूक खुद कन्हैया ने की है. कन्हैया की सारी उम्र पड़ी है. वो बाद में कभी भी चुनाव लड़ लेते. भाजपा विरोधी मतों के बिखराव की जिम्मेदारी कन्हैया की है. अगर गिरिराज जीतते हैं तो इसके जिम्मेदार कन्हैया होंगे.’
कम तेजस्वी नहीं हैं कन्हैया
लालू प्रसाद प्रसाद यादव को यह पता था, तेजस्वी की राह का सबसे बड़ा रोड़ा भविष्य में कन्हैया कुमार बन सकते हैं. तेजस्वी का नाम भले ही तेजस्वी है लेकिन कन्हैया भी कम तेजस्वी नहीं हैं, लिहाजा अपने बेटे तेजस्वी की राह निष्कंटक करने के लिए लालू ने कन्हैया को महागठबंधन से किनारे कर दिया.

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