Raipur Seat Loksabha Election 2019 : कम मतदान से भाजपा के गढ़ में कुहासा

रायपुर लोकसभा सीट में 2014 की तुलना में मतदान का प्रतिशत नीचे की ओर जाता दिख रहा है। बीते चुनाव में आंकड़ा 65.38 प्रतिशत था, जबकि अभी ताजा आंकड़ों के हिसाब से 64.81 प्रतिशत तक ही सिमट रहा है। अंतिम आंकड़े आने से दो से तीन प्रतिशत तक के इजाफा की ही उम्मीद है।
ऐसे में कम मतदान क्या इशारा कर रहे हैं, इसे लेकर संशय पैदा हो गया है। भाजपा का गढ़ माना जाता है । रायपुर और इस सीट पर सात बार सांसद चुने गए रमेश बैस की जगह नए प्रत्याशी सुनील सोनी को मौका दिया गया है। जबकि कांग्रेस ने अपने रायपुर शहर के मेयर प्रमोद दुबे को दांव पर लगाया है।
विधानसभावार यदि लोकसभा क्षेत्र को विभाजित करें तो नवम्बर 2018 को हुए चुनाव की अपेक्षा इस बार लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में 10 फीसद तक गिरावट दर्ज है। विशेष बात यह है कि रायपुर की चारों शहरी सीटों पर बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में कम वोट पड़े, जबकि बाकी पांच ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं ने 2014 के मतदान की लगभग बराबरी की है।

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