राजस्थान : पिछली बार 4 लाख वोटों से जीतने वाली बीजेपी के लिए इस बार दौसा सीट बनी सिरदर्द

बीजेपी ने राजस्थान  की मीणा बहुल दौसा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जसकौर मीणा को टिकट तो दी है लेकिन अब इस सीट पर स्थानीय क्षत्रपों की आपसी खींचतान के कारण संकट के बादल मंडराने लगे है.  राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही बीजपी ने वसुंधरा राजे की करीबी माने जाने वाली जसकौर मीणा को टिकट दे दी लेकिन अब बड़ा सवाल टिकट की दौड़ में शामिल रहे डॉ. किरोड़ी मीणा व विधायक ओमप्रकाश हुडला की नाराजगी दूर करने का है. ऐसा कहा जाता है कि राज्यसभा सदस्य डॉ. मीणा अपनी पत्नी गोलमा देवी और हुडला खुद के लिए टिकट मांगे रहे थे. राजनीतिक टीकाकारों के अनुसार स्थानीय मीणा क्षत्रपों की आपसी खींचतान के चलते यह इलाका बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गया है. विधानसभा चुनाव में भी यहां की सीटों को लेकर काफी खींचतान हुई और अंतत: बीजेी इस लोकसभा क्षेत्र की सात में से एक भी सीट नहीं जीत पाई. यहां तक कि उससे बागी हुए ओमप्रकाश हुडला महुवा से जीत गए और लोकसभा के लिए टिकट मांग रहे थे. यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा एक ध्रुव बने हुए हैं तो हुडला के दृश्य में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जसकौर मीणा का नाम चला दिया और टिकट अंतत उन्हें ही मिली. अब बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी के स्थानीय क्षत्रपों की खींचतान का फायदा कांग्रेस को मिलेगा? हालांकि सूत्र बताते हैं कि जसकौर का नाम तब तय हुआ, जब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीनों  को मना लिया. उन्होंने तीनों दावेदारों से फोन पर बात की और वसुंधरा से खुद जाकर मिले.

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