फ्रांस सरकार की सफाई, कहा- रिलायंस टैक्स विवाद निपटारे में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं

फ्रांस ने शनिवार को कहा कि वहां के टैक्स अथॉरिटी और रिलायंस की सहायक के बीच टैक्स छूट को लेकर वैश्विक सहमति बनी थी. इसके साथ यह भी कहा गया है कि इसमें किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया गया. फ्रांस ने यह स्पष्टीकरण उन खबरों के लेकर दिया है जिनमें अनिल अंबानी की फ्रांसीसी कंपनी को भारी-भरकम टैक्स छूट मिलने की बातें की गयी हैं.

फ्रांस के एक शीर्ष अखबार ला मोंदे ने 36 राफेल विमानों की खरीद की भारत की घोषणा के बाद अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशन्स की एक अनुषंगी का 14.37 करोड़ यूरो का टैक्स 2015 में माफ किये जाने की खबर दी है.

कांग्रेस रिलायंस डिफेंस को लेकर है सरकार पर आक्रमक
कांग्रेस अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस डिफेंस को दसाल्ट एवियशन का ऑफसेट साझीदार बनाने को ले कर भी सरकार को निशाना बना रही है. हालांकि सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है. समाचार पत्र ने कहा कि फ्रांस के अधिकारियों ने रिलायंस फ्लैग अटलांटिक फ्रांस की जांच की और पाया कि 2007-10 के बीच उसे छह करोड़ यूरो के टैक्सका भुगतान करना था.
हालांकि मामले को सुलटाने के लिए रिलायंस ने 76 लाख यूरो की पेशकश की लेकिन फ्रांस के अधिकारियों ने राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अधिकारियों ने 2010-12 की अवधि के लिए भी जांच की और टैक्स के रूप में 9.1 करोड़ यूरो के भुगतान का निर्देश दिया.
अप्रैल, 2015 तक रिलायंस को फ्रांस के अधिकारियों को 15.1 करोड़ यूरो का टैक्स देना था. हालांकि पेरिस में मोदी द्वारा राफेल सौदे की घोषणा के छह महीने बाद फ्रांस अधिकारियों ने अंबानी की कंपनी की 73 लाख यूरो की पेशकश स्वीकार कर ली.

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