बहुत मजबूत है यह जोड़ टूटेगा नहीं, जानें क्‍यों अभेद्य है अकाली दल और भाजपा का गठबंधन

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणिअकाली दल (शिअद) के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल हमेशा कहते रहे हैं कि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन दो पार्टियों का गठबंधन नहीं बल्कि 'खून और मांस' का रिश्ता है। ...और शायद यही वजह कि गठबंधन और महागठबंधन के सियासी दौर में मात्र हार-जीत के आंकड़ों तक सिमटी राजनीतिक साझ से कहीं ऊपर उठ चुका अकाली दल आज एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सबसे विश्वसनीय और स्थिर सहयोगी का रुतबा हासिल कर चुका है।
भाजपा के साथ यही एकमात्र दल है, जिसकी पूरे विश्व में अल्पसंख्यक समुदाय विशेष की पार्टी के रूप में पहचान है। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान अविभाजित पंजाब के राजनीतिक गलियारों में सिखों को प्रतिनिधित्व देने के मकसद से 1920 में गठित शिरोमणि अकाली दल की इस राजनीतिक सांझ की शुरुआत1969 में हो गई थी। उस समय पहली बार मुख्यमंत्री बने प्रकाश सिंह बादल ने जनसंघ की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था।

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