Chhattisgarh Lok Sabha Election 2019 : जाति के पेंच में फंसी रायपुर लोकसभा सीट की उम्मीदवारी

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच उम्मीदवारों की घोषणा करके भले ही बढ़त बना ली हो, लेकिन रायपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवारी का पेच जातिगत समीकरण के बीच फंस गया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के सामने जातिगत वोटरों को साधने की चुनौती है।
रायपुर लोकसभा सीट पर सात बार से रमेश बैस सांसद हैं। रायपुर लोकसभा के जातिगत समीकरण को देखे तो सबसे ज्यादा कुर्मी वोटर हैं। धरसींवा, बलौदाबाजार, रायपुर ग्रामीण में ओबीसी वोटर प्रभावी हैं, जिसमें कुर्मी समाज से सबसे ज्यादा हैं। यही कारण है कि भाजपा हमेश कुर्मी उम्मीदवार पर दांव लगाती रही है।
इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के सामने कुर्मी उम्मीदवार उतारने की चुनौती है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुर्मी समाज की नेता छाया वर्मा का टिकट घोषित करने के बाद बदलकर सत्यनारायण शर्मा को दिया था। इसके कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।
उधर, भाजपा में सांसद रमेश बैस के स्थान पर नये नेता की तलाश जोर-शोर से की जा रही है। लेकिन पार्टी के सामने बैस के अलावा विकल्प नजर नहीं आ रहा है। कुर्मी समाज से आने वाले बैस को जातिगत समीकरण का फायदा मिलता रहा है।
 
 

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