Lok Sabha Elections 2019: पश्चिम बंगाल में आसान नहीं शांतिपूर्ण चुनाव की राह

पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराना आसान नहीं है। अक्सर चुनाव आयोग के साथ सरकार व सत्तारूढ़ दल के टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है। चुनाव आयोग जब राज्य में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव करने का प्रयास करता है तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पहले वामपंथी थे तो उस समय और अब तृणमूल है तो अब भी। चुनाव में खूनी खेल का इतिहास पुराना है। शायद ही कोई चुनाव हो जिसमें हत्याएं व हिंसा नहीं होती हो। यही वजह है कि राज्य के नाम चुनावी हिंसा और धांधली का रिकार्ड है।
इस बार भी सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस तरह राज्य में सात चरणों में चुनाव कराने पर तीखा प्रहार किया है, उससे नहीं लगता है कि आयोग की राह आसान होगी। हालांकि, आयोग अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में काम कर रहा है। लेकिन, सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने जिस तरह कड़ा रुख अपनाया है उससे चुनाव आयोग के समक्ष चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।

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