जीतनराम मांझी के लिए एनडीए के दरवाजे बंद, पटना लौटे, 16 को बुलाई बैठक

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान के बीच नाराज होकर दिल्ली से पटना लौटे जीतनराम मांझी के संबंध में कहा जा रहा था कि वो पाला बदल सकते हैं, लेकिन जदयू ने साफ शब्दों में ऐसी किसी संभावना को खारिज किया है। जदयू ने कहा है कि जीतनराम मांझी के लिए एनडीए के दरवाजे बंद हैं और अब इस पर कोई बात नहीं होगी।
जदयू के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि एनडीए में जीतनराम मांझी के लिए कोई जगह नहीं बची है। उन्होंने यह भी कहा कि जदयू कोई ‘वेटिंग लाउंज’ नहीं है। जाहिर है जदयू नेता के इस बयान के बाद मांझी के लिए आगे की राह चुनौती भरी हो सकती है। जदयू के इस रुख से साफ हो गया है कि मांझी को या तो महागठबंधन में जो सीटें मिल रही हैं उतने पर ही मानना पड़ेगा या फिर उन्हें महागठबंधन से अलग हो जाना पड़ेगा।
 मांझी ने दिल्ली में कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं। कांग्रेस और राजद के बाद हमें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग पर 78-80 फीसदी काम हुआ है लेकिन 20 फीसदी काम अभी भी होना बाकी है। 16 मार्च को पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई है। इधर, महागठबंधन के ही एक अन्य घटक दल यानी विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने भी खुद चुनाव नहीं लड़ने का मन बनाया है। 

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