Lok Sabha Election 2019: महागठबंधन के दावे का अंत.. माया और ममता ने पकड़ी कांग्रेस से अलग राह

महागठबंधन का नारा अब क्या खत्म मान लेना चाहिए? शायद हां। बसपा नेत्री मायावती के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मंगलवार को साफ कर दिया है कि चुनाव में वे कांग्रेस से अलग हैं। उनकी जंग न सिर्फ भाजपा की अगुआई वाले राजग से होगी, बल्कि कांग्रेस से भी होगी।
जाहिर है कि सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और तीसरे बड़े राज्य पश्चिम बंगाल में संभावित सहयोगियों के रुख ने न सिर्फ महागठबंधन को खारिज कर दिया है बल्कि कांग्रेस के लिए दूसरे राज्यों में भी चुनौतियां बढ़ा दी हैं। खासकर बिहार में इसका असर दिख सकता है। भाजपा के खिलाफ विपक्ष का बड़ा धड़ा बनाने की कांग्रेस की मुहिम और 'फ्रंट फुट' पर खेलने की रणनीति संकट में पड़ती दिख रही है।
मालूम हो कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया था। खासकर सपा की अंदरूनी चाहत को देखते हुए यह सीधा संदेश था कि बसपा-सपा गठबंधन इन सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी माने या फिर इसके लिए तैयार रहे कि कांग्रेस 'फ्रंट फुट' पर खेलेगी। इसका नुकसान न सिर्फ भाजपा को उठाना होगा बल्कि गठबंधन को भी। मंगलवार को खुद बसपा नेत्री मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में कोई समझौता नहीं होगा।

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