सवर्णों के 10 प्रतिशत आरक्षण को लेकर नारेबाजी, सदन 10 मिनट के लिए स्थगित

विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण नहीं देने पर मामला सदन में उठा। भाजपा के विधायक सदन में जमकर नारेबाजी की और वे गर्भगृह में पहुंच गए। माहौल को देखते हुए सदन 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। हालांकि ससदीय मंत्री रविंद्र चौबे ने छग में गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने का भरोसा दिया।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद गर्भगृह में आने से निलंबित हुए बीजेपी विधायकों का निलंबन खत्म हुआ। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि लोकसभा-राज्यसभा में कांग्रेस ने गरीब सवर्णों के आरक्षण के मसले पर अपना समर्थन दिया था। अब हम इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू करेंगे।
सदन में रमन सरकार के दौरान डीएवी पब्लिक स्कूल के साथ हुए एमओयू  का भी मामला उठा। कांग्रेस विधायक दीपक बैज ने डीएवी पब्लिक स्कूल का मामला उठाया। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा कि डीएवी स्कूल के साथ 30 साल का अनुबंध हुआ है। अनुबंध के तहत स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर जब तक बन नहीं जाएगा, तब तक सरकारी बिल्डिंग में स्कूल चलेगा। बिल्डिंग बनने के बाद डीएवी स्कूल संचालन करेगी। प्रदेश में डीएवी 72 स्कूल चला रही है। 25 फीसदी बच्चों का प्रवेश आरटीआई के तहत किया जाता है।
विधायक बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया कि विद्या मितान को 18 हजार से लेकर 28 हजार मानदेय मिलता है, लेकिन उसके बदले विद्या मितान को सिर्फ 12 से 15 हजार रुपये ही मिल पाता है। इस पर सदन में हंगामा होने लगा। विपक्ष ने आउटसोर्सिंग के जरिये भर्ती को रोकने की घोषणा सदन में करने की मांग की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे मामले की जांच की घोषणा मैं सदन में करता हूं और आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर प्रशासकीय प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इस पर फैसला लेंगे।

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