गरीबों को 35 किलो चावल देने की घोषणा के बाद 2 माह में बन गए 4271 राशनकार्ड

कांग्रेस ने गरीबों को 35 किलो चावल देने की घोषणा क्या की, लोगों ने धड़ल्ले से कार्ड बनवा लिए। चुनाव के दौरान तो कार्ड बनाने पर अधिकारियों ने जानबूझकर रोक लगा रखी थी क्योंकि उन्हें कार्रवाई का खतरा था लेकिन जैसे ही नतीजे आए, बीते दो माह में 4271 परिवारों ने राशनकार्ड बनवा लिए। 
चुनाव के पहले 4 लाख 81 हजार 474 राशन कार्ड थे। चुनाव के दौरान आंकड़ा नहीं बढ़ा। उल्टे यह घटकर 4 लाख 81 हजार 469 हो गया। प्रभारी खाद्य नियंत्रक दिनेश्वर प्रसाद ने आचार संहिता के दौरान राशन कार्ड बनाने पर रोक नहीं होने के बावजूद रोक लगाई।
उनका मानना था कि राशन कार्ड बनाते तो एक पार्टी दूसरी की शिकायत करते हुए उनके कार्यकर्ताओं के नाम पर राशन कार्ड बनाने का आरोप लगाती। तब रायपुर में बैठक लेकर आला अधिकारियों ने राशनकार्ड नहीं बनाने के निर्देश भी दिए थे।
जब चुनाव हो गए और कांग्रेस की सरकार बनी तो लोगों ने धड़ल्ले से कार्ड बनवाना शुरू कर दिया। उसकी बड़ी वजह ये कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीब परिवारों को महज एक रुपए किलो में 35 किलो राशन देने की वादा किया था।
बाद में कैबिनेट की बैठक और फिर विधानसभा सत्र में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा पत्र में किए वादे को दोहराया। यहीं वजह है कि नतीजे घोषित होने से लेकर अब तक 4271 परिवारों ने नए राशनकार्ड बनवा लिए।

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