नगर निगम शिमला का बजट घटकर हुआ 297 करोड़, स्कूल टॉपर्स को देंगे लैपटॉप

  नगर निगम शिमला की मेयर कुसुम सदरेट  ने वर्ष 2019-20 के लिए 297 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बार 58 करोड़ कम बजट पेश किया गया है। अपने बजट भाषण में मेयर ने शहर वासियों को कई नई योजनाएं समर्पित कीं। अपने कार्यकाल के दूसरे बजट में मेयर ने निगम रसोई सेवा योजना, गौ संरक्षण केंद्र बनाने की प्रस्तावना, स्वास्थ्य सेवा प्रयोगशाला शुरू करने की बात कही है।
इसके अलावा निगम ई विधान प्रणाली (E-Vidhan system) को शुरू करने पर विचार कर रहा है, इसके तहत निगम को पेपर लैस करने की भी योजना है। निगम की परिधि में आने वाले सरकारी स्कूलों के 10वीं और जमा दो कक्षा में प्रदेश स्तर पर में टॉप करने वाले छात्रों को नगर निगम लैपटॉप देगा। निगम में कर्मचारियों के दस डाटा ऑपरेटर्स के पदों को भरने और तहबाजारियों को इस साल शिफ्ट करने का भी ऐलान किया गया।
बजट पेश करते हुए मेयर ने कहा कि जून 2019 में स्मार्ट सिटी के तहत शिमला (Shimla) के तहबाजारियों का बायोमीट्रिक सर्वे किया जाएगा। तहबाजारियों से निगम को 1 करोड़ की आय सालाना होने की उम्मीद है। सड़कों, निगम के भवनों, पार्किंग, नाले-नालियों के निर्माण, जल वितरण और सीवरेज लाइन बिछाने, स्ट्रीट लाइट लगवाने, कार्यालय हेतु फर्नीचर एवम सामग्री खरीद के लिए 2390.50 लाख का बजट रखा गया है। नगर निगम शिमला को ग्रीन फीस  से 15 करोड़ की आय की संभावना है। इसी तरह से टूटीकंडी पार्किंग से 12 करोड़ की आय का अनुमान लगाया गया है।

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