मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: कोर्ट ने नीतीश कुमार के खिलाफ दिए जांच के आदेश

पॉक्सो की एक विशेष अदालत ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह और समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अतुल प्रसाद के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं। 

इससे पहले 7 फरवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले की सुनवाई बिहार से नई दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सुनवाई पटना से दिल्ली के साकेत पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई थी। कोर्ट ने जज को आदेश दिया था कि दो हफ्ते के भीटर ट्रायल शुरू करें और 6 महीने के भीतर इसे खत्म करें।

अदालत ने मुजफ्फरपुर यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह के भीतर बिहार सीबीआई अदालत से साकेत निचली अदालत में स्थानांतरित करने को कहा था। इस दौरान कोर्ट ने आश्रय गृहों की देखभाल को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की थी। कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा था, बस बहुत हो गया, बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जा सकता।

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म का खुलासा होने के बाद ही राजनीतिक बहस तेज हो गई थी। इस कांड का खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज(टिस्स) की रिपोर्ट में हुआ। जब सरकार पर विपक्षी पार्टियों और लोगों का दबाव बढ़ा तो इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। अभी हाल ही में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह से 15 साल की बच्ची का भी कंकाल मिला था।

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