Pulwama terror attack: खुशियों की गलियों में मातम की चीखें

Pulwama terror attack हिमाचल की माटी में ही देशप्रेम की खुशबू है...यही वजह है कि जब भी देश के नाम शहादत की बात आए तो हिमाचल का नाम पहले होता है। पुलवामा में आतंकी हमले में भी हिमाचल ने अपने सपूत को खोया है। तीन दिन पहले घर से जिस बेटे का माथा चूमकर तिलक राज घर से निकला था वह पिता की शहादत से बेखबर कभी बुआ की गोदी में कार लेकर खेल रहा है... कभी दादी तीन साल के पोते को सीने से लगाकर बेटे का अक्स ढूंढ रही है। पिता आसमान की ओर देखकर भगवान से पूछ रहा है कि यह किस गुनाह की सजा दी है...पत्नी सावित्री सुबकती आंखों के साथ 15 दिन के लाल को पालने में टकटकी लगाकर देख रही है, जबकि बेटा पिता की शहादत से बेखबर होकर आते-जाते लोगों को देख रहा है...यह मंजर है शहीद तिलक राज के घर का, जो वीरवार को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।
कांगड़ा जिले के जवाली हलके के धेवा गांव में सबकुछ थम सा गया है। गांव में सिर्फ और सिर्फ लोगों की चीखें ही सुनाई दे रही हैं। हर आते-जाते लोग एक-दूसरे की नम आंखों को देखकर बस तिलक की यादों को ही याद कर रहे हैं।
अभी तीन दिन पहले ही घर से छुट्टी काटकर तिलक राज अपनी ड्यूटी पर लौटा था। घर में दूसरे बेटे के जन्म की खुशियां पूरे खुमार पर थी और तिलक ने शहादत का जाम पी लिया। गायकी, खेल के साथ-साथ देशभक्ति का जज्बा लिए अर्धसैनिक बल में भर्ती हुए तिलकराज की शहादत की खबर सुनते ही पूरा धेवा गांव गमगीन हो गया है। 
शुक्रवार को प्रदेश सरकार की ओर से खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर व जवाली के विधायक अर्जुन ठाकुर भी दोपहर बाद परिवार को ढांढस बंधवाने उनके घर पहुंचे। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार सुबह उनके घर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुचेंगे। 

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