पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ममता को छोड़ माकपा से मिलाएगी हाथ

 एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना समर्थन देते हैं तो वहीं दूसरी ओर राज्य की सियासत में उलट स्थिति देखने को मिलती है।
प्रदेश कांग्रेस के नेता खुलेआम सड़क से लेकर संसद तक ममता के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसी बीच विधानसभा के तर्ज पर ही एक बार फिर वाम दल के साथ गठबंधन की गांठ मजबूत कर कांग्रेस राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयार में है।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से इस गठबंधन की मंजूरी मिल गई है और माकपा के साथ बेहतर रिश्ते व गठजोड़ की पहल भी शुरू हो गई है। लेकिन, इस बार गठबंधन के गणित में कुछ तब्दीलियां नजर आने वाली हैं, क्योंकि गठबंधन की गांठ के मध्य में फॉर्मूला 28-14 पर चर्चा सबसे अहम है।
साल 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद माकपा-कांग्रेस गठबंधन की गांठ कमजोर होते नजर आई और दोनों पार्टियों ने विधानसभा, लोकसभा व नगरपालिकाओं के उपचुनाव में अलग-अलग उम्मीदवार भी उतारे। ऐसे में दोनों पार्टियों की स्थिति यह रही है राज्य की सियासत में इनका पायदान लगातार खिसकता गया। ऐसे में भाजपा नंबर दो पार्टी के रूप में उभर कर आई।

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