दिल्‍ली सरकार बनाम उपराज्‍यपाल के अधिकारों का मामला, SC के दो जजों में मतभेद

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने विरोधाभासी फैसला दिया है. जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफ़र का अधिकार केंद्र के पास हो या दिल्ली सरकार के पास, इस मामले में अलग-अलग मत व्‍यक्‍त किया है.
दिल्‍ली में सर्विसेज का नियंत्रण किसके पास होगा, इस पर दोनों जजों की राय में मतभेद होने के कारण इसका फैसला अब सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्‍यों की बेंच करेगी. राज्‍य सूची में राज्‍य पब्लिक सर्विसेज की एंट्री 41 के अधीन दिल्‍ली सरकार की कार्यकारी शक्तियों के संबंध में जस्टिस सीकरी और जस्टिस भूषण की राय भिन्‍न थी. जस्टिस भूषण ने कहा कि दिल्‍ली सरकार के पास इस संबंध में कोई कार्यकारी शक्तियां नहीं हैं, जबकि जस्टिस सीकरी ने कहा कि ज्‍वाइंट सेक्रेट्री और उसके ऊपर की रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार उपराज्‍यपाल के पास रहेगा. उससे नीचे की रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर का अधिकार GNCTD के पास रहेगा.

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