राफेल डील मामले में अब सीएजी भी निशाने पर, आज संसद में घमासान के आसार

राफेल विमानों के लिए फ्रांस के साथ हुई डील में गड़बड़ी के आरोप लगा रही कांग्रेस ने अब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि पर भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि वित्त सचिव के तौर पर महर्षि इस डील की निगोशिएशन का हिस्सा थे। वे चौकीदार (पीएम) के साथी हैं। ऐसे में वह इस डील की जांच कैसे कर सकते हैं। आज संसद में विवादित राफेल करार पर सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने महर्षि को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि कार्डिनल प्रिंसिपल ऑफ लॉ के अनुसार कोई भी दोषी अपने मामले में जज नहीं बन सकता है। उनका कहना है कि महर्षि 29 अक्तूबर, 2014 से 30 अगस्त, 2015 तक वित्त सचिव थे। इस समयावधि के दौरान यूपीए-2 ने 126 विमानों के अधिग्रहण की प्रक्रिया रुक गई थी और 36 विमानों के नए सौदे पर भारत और फ्रांस के बीच बातचीत हो रही थी।

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