वोटरों के नाम काटने का मुद्दा: EC की एडवाइजरी के बाद आप और बीजेपी में घमासान तेज

दिल्ली में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने के मामले में चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली वालों को इस बारे में की जा रही अज्ञात फोनकॉल पर शनिवार को परामर्श जारी किए जाने के बाद एक तरफ आप ने आयोग पर निशाना साधा है वहीं बीजेपी भी आप के खिलाफ हमलावर हो गई है. 
आप और बीजेपी के बीच घमासान का दौर चुनाव आयोग द्वारा जारी उस परामर्श के बाद तेज हो गया जिसमें आयोग ने मतदाताओं को मतदाता सूची से नाम काटे जाने की सूचना देने वाली भ्रामक फोनकॉल से सावधान रहते हुए इन पर विश्वास नहीं करने की सलाह दी.
बीजेपी का आरोप है कि मतदाताओं को ये फोनकॉल आप की ओर से की जा रही हैं. आयोग के परामर्श में यद्यपि आप या किसी दल के नाम का जिक्र नहीं है लेकिन इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा ‘चुनाव आयोग को यह जवाब देना चाहिये कि तेलंगाना में 22 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने पर क्या आयोग ने माफी नहीं मांगी? खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और उनके परिवार के सदस्यों के नाम मतदान केन्द्र पर मौजूद मतदाता सूची में कटे क्यों पाये गये जबकि आयोग की वेबसाइट पर उनके नाम दर्ज थे?’
केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने दिल्ली के 24 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने की पुष्टि करने वाली सूची आप को दी थी. केजरीवाल ने आयोग पर इस मामले में शामिल अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते हुये पूछा कि आयोग दिल्ली सरकार को मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने की जांच क्यों नहीं करने दे रहा है और ना ही खुद कर रहा है.
इसके जवाबी ट्वीट में बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुये कहा ‘‘पिछले 10 सालों मे कटे हैं 24 लाख वोट, इसमें 10 सालों मे दिल्ली में मरने वाले, फ़ार्म-7 भर स्वयं वोट कटवाने वाले, कम्प्यूटरीकरण के कारण एक मतदाता के डबल वोट की पहचान से हटे वोट शामिल हैं. इस दौरान 30 लाख नये मतदाता बने भी है. यह सामान्य प्रकिया है.’’ 

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