राठौर के सामने भी सुधीर बाली का शीत युद्ध जारी

सुखविंद्र सुक्खू के कार्यकाल में कांगड़ा के दो पूर्व मंत्रियों सुधीर शर्मा और जीएस बाली के बीच शुरू हुआ शीत युद्ध कुलदीप राठौर के दौर में भी खत्म नहीं हो पा रहा है। राठौर के दो दिन के कांगड़ा दौरे के दौरान सुधीर और बाली गुटों में अंदरखाते गुटबाजी हावी रही। बैजनाथ ब्लॉक की बैठक लेने के बाद राठौर ने एक दिन में सिर्फ बाली और सुधीर के हलके की ही बैठकें लीं। सुधीर और बाली को एक मंच पर लाने की कोशिश दो ध्रुवों के शक्ति प्रदर्शन में बदल गई।

कांगड़ा संसदीय सीट की टिकट के लिए अंदरखाते जी जान से जुटे बाली और सुधीर ने अपने अपने हलके में कार्यकर्ता सम्मेलन कर राठौर के सामने शक्ति प्रदर्शन किया।

कांगड़ा में संगठनात्मक जिले की बैठक कर दोनों नेताओं को मंच पर एक साथ लाकर हाईकमान के समक्ष अपने नंबर बनाने का राठौर सियासी प्लान धराशायी होता दिखा। जिला की बैठक में बाली तो आए लेकिन सुधीर और उनके खासमखास विधायक पवन काजल ने इससे किनारा कर लिया।
हालांकि, वीरभद्र के खास केवल पठानिया ने जरूर कांगड़ा बैठक में हिस्सा लिया। सुधीर और बाली ने अपने अपने घर पर राठौर को डिनर पर बुुलाकर डिनर डिप्लोमेसी भी की। नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की नई टीम में कांगड़ा जिले से बाली का ज्यादा सिक्का चला।

देहरा संगठनात्मक जिला से सुक्खू समर्थक नरदेव को हटाकर रूमा कौंडल को अध्यक्ष बनाया गया। रूमा कौंडल को बाली समर्थक माना जाता है। कांगड़ा जिले की अध्यक्ष सुमन वर्मा को पहले से ही बाली समर्थक माना जाता है।

कांग्रेस में महासचिव बनाए गए मनमोहन कटोच भी बाली समर्थक माने जाते हैं। चुनाव के वक्त सुधीर से नाराज होकर बाली के पाले में गए विजय इंद्र कर्ण और सौरभ ठाकुर को राठौर ने युवा कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष और सचिव की जिम्मेदारी दी है।

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