सदन में बार-बार घिर रहे हैं मंत्री, मुख्यमंत्री को फिर बनना पड़ा ढाल

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआती बैठकों में ही विपक्ष मंत्रियों को बार-बार घेर रहा है। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मंत्रियों की ढाल बनकर खड़ा होना पड़ रहा है। सदन के भीतर आक्रामक मुद्रा अपनाए अपने ही एक विधायक के सवाल मंत्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं।धर्मशाला में हुए शीत सत्र के दौरान भी मुख्यमंत्री इस बात से नाराज माने जा रहे थे कि मंत्री उनके मनोनुकूल जवाब नहीं दे पा रहे थे। उन्हें विपक्ष के हमलों पर बार-बार खड़े होकर खुद ही स्थिति साफ करनी पड़ रही थी। बजट सत्र के शुरुआती दो दिनों में भी हालात कुछ ऐसे ही बने रहे।
दूसरी बैठक के दौरान प्रश्नकाल में ही मंगलवार को नूरपुर के भाजपा विधायक और रेणुका के कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर को ददाहू और नूरपुर बस हादसों पर घेर डाला। भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने तो अपनी ही सरकार के परिवहन मंत्री को यहां तक कह डाला कि और कितनी लाशें देखेंगे।
बुधवार को जब चंबा सीमेंट प्लांट में देरी के मामले में विपक्ष ने उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह को घेरा तो मुख्यमंत्री को ही जवाब देना पड़ा। दूसरी बार प्रदेश में कैंसर रोगियों के लिए अपर्याप्त सुविधाओं के आरोप सरकार पर न केवल विपक्ष ने लगाए, बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक राकेश पठानिया भी इस मुद्दे पर लगातार दूसरे दिन हमलावर नजर आए।
पठानिया ने तो स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से यह तक पूछ लिया कि वह एक साल में कितनी बार पिछली बार कब अस्पताल अस्पताल गए। मंत्री के जवाब के बीच जब सत्ता पक्ष और विपक्ष की नोकझोंक चल रही थी तो खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जवाब देने के लिए खड़ा होना पड़ा।
प्रश्नकाल के बाद जब शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज लील्हकोठी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार शिलान्यास मामले में स्पष्टीकरण दे रहे थे तो उस बीच भी विपक्ष खूब आक्रामक हो गया। इस दौरान भी खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ही पूरी स्थिति साफ करनी पड़ी। 
 

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