विश्वविद्यालयों में नियुक्ति की गुत्थी सुलझाने में जुटा पीएमओ, हो सकता संविधान संशोधन

विश्वविद्यालय में रोस्टर सिस्टम से नई नियुक्ति किए जाने जाने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के दखल देने से इनकार के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय इस विवाद को सुलझाने में जुट गया है। पीएमओ बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान इस फैसले को पलटने के लिए संविधान संशोधन पर भी विचार कर रहा है। 
उल्लेखनीय है कि इस फैसले से आरक्षण के सिद्धांत का उल्लंघन होने का आरोप लगाते हुए सरकार के सहयोगी दलों लोजपा, अपना दल और आरपीआई ने सरकार से इस फैसले को पलटने के लिए संविधान में संशोधन की मांग की है। इस मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के साथ बैठक कर चुके लोजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। 
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अन्य विकल्पों की संभावना तलाशी जा रही है। अपना दल से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि नए रोस्टर सिस्टम से विश्वविद्यालयों में वंचित समाज की भागीदारी का रास्ता ही बंद हो जाएगा। आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी फैसला पलटने के लिए संविधान संशोधन की मांग कर चुके हैं। जबकि विपक्ष के नेता उपेंद्र कुशवाहा और राजद के मनोज झा जावडेकर को पत्र लिख चुके हैं।
 

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